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एवीपी आयुर्वेद महाराजप्रसारिणी थाईलम एक प्रसिद्ध आयुर्वेद तेल है जिसका उपयोग आंतरिक और बाहरी अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है। इसका उपयोग न्यूरोलॉजिकल समस्याओं में किया जाता है। यह तेल कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध है।
एवीपी आयुर्वेद महाराजप्रसारिणी तैलम के लाभ:
इसका प्रयोग वात संबंधी सभी रोगों में किया जाता है।
वात संबंधी रोग शामिल हैं
- तंत्रिका संबंधी रोग जैसे न्यूरिटिस, नसों का दर्द, पक्षाघात और
- स्केलेटो मांसपेशियों की शिकायतें जैसे गठिया, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, मायलगिया,
- ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, टेंडिनिटिस आदि।
- पुरुषों में सेक्स और शक्ति को बढ़ावा देता है, यौन शक्ति में सुधार करता है, शीघ्रपतन, सेक्स कमजोरी में उपयोगी है।
- महिलाओं में योनि स्राव, गुल्म और बांझपन में इसका सिद्ध प्रभाव है।
- इससे न केवल मनुष्य बल्कि वात से पीड़ित हाथी और घोड़े भी लाभान्वित होते हैं।
एवीपी आयुर्वेद महाराजप्रसारिणी तैलम का उपयोग कैसे करें?
इस तेल को मौखिक रूप से लिया जाता है - आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार दिन में एक या दो बार भोजन से पहले गर्म दूध या पानी के साथ 5-10 बूँदें।
कैप्सूल की खुराक आमतौर पर भोजन से पहले गर्म दूध या पानी के साथ दिन में एक या दो बार 1 - 2 कैप्सूल होती है।
इसका उपयोग बाहरी अनुप्रयोगों के लिए भी किया जाता है।
यह दवा केवल चिकित्सीय नुस्खे के तहत ही ली जानी चाहिए।
महाराजप्रसारिणी तैलम के दुष्प्रभाव:
- इस तेल के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं।
- मधुमेह, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और उच्च रक्तचाप वाले लोगों को मौखिक रूप से लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए।