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दशमूलकतुत्रय कषायम तरल रूप में एक बहुत प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। श्वसन संबंधी स्थितियों के उपचार में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह दवा केरल आयुर्वेद पद्धति के आधार पर तैयार की गई है।
दशमूलकतुत्रय कषायम लाभ:
इसका उपयोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी और संबंधित सीने में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। इसमें सूजन-रोधी और ब्रोंको-फैलाने वाला प्रभाव होता है।
दशमूलकादुत्रय कषायम् खुराक:
- खुराक 12-24 मिली है, भोजन से पहले, लगभग 6 बजे सुबह और शाम 6 बजे या आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार।
- आमतौर पर कषायम में बराबर मात्रा में पानी मिलाने की सलाह दी जाती है।
- इस दवा को लेने के बाद/साथ में थोड़ा शहद लेने की सलाह दी जाती है।
- कशायम टैबलेट की खुराक है - 2 गोलियाँ दिन में 2 बार भोजन से पहले या डॉक्टर के निर्देशानुसार।
पथ्या:
शारीरिक गतिविधियों, ठंडे पानी, ठंड और धुंध के संपर्क में आने से बचना चाहिए। भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। मिर्च और विशेषकर इमली से परहेज करना चाहिए।
सहायक:
शहद या कस्तूरी.
दशमूलकतुत्रय कषाय के दुष्प्रभाव:
इस दवा का कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है।
अधिक खुराक से गैस्ट्राइटिस हो सकता है।