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कनमदा भस्म एक खनिज भस्म/कैल्क्स आयुर्वेदिक औषधि है। इसका उपयोग सूजाक, मधुमेह, ल्यूकोरिया आदि के उपचार में किया जाता है। यह शक्ति (राख) और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है।
कनमाडा पोटेशियम नाइट्रेट है। इसे सूर्य क्षार, कलामी सोरा, सोरका और कर्पूर शिलाजीत के नाम से भी जाना जाता है।
कनमदा भस्म के उपयोग:
- यह सूजाक और दर्दनाक मूत्रत्याग में लाभकारी है।
- यह मधुमेह में कारगर है।
- ल्यूकोरिया, मूत्र पथरी, मूत्र मार्ग में संक्रमण और शीघ्रपतन आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है।
डॉक्टर इसे इलाज के लिए भी लिखते हैं:
हड्डियों की मजबूती, गठिया में सुधार के लिए कम अस्थि घनत्व।
कनमदा भस्म की खुराक:
250 मिलीग्राम-500 मिलीग्राम दूध, मक्खन, शहद, चीनी, घी, हल्दी के रस या उपयुक्त काढ़े के साथ दिन में दो या तीन बार।
प्रत्येक कैप्सूल में 250 मिलीग्राम होता है।